प्रोटीन (What is Protein)
प्रोटीन के प्रकार (types of protein )
प्रोटीन सामान्यता तीन प्रकार के होते हैं
- सरल प्रोटीन (Simpal protein) यह ऐसे प्रोटीन होते है जो केवल अमीनो अम्ल के बने होते हैं जैसे अल्ब्यूमिन्स, ग्लोब्युमिन्स, हिस्टोन आदि
- संयुक्त प्रोटीन (Combined protein) यह प्रोटीन ऐसे प्रोटीन हैं जो एमिनो अम्लों के साथ पदार्थों के साथ अणु मिले रहते है , जैसे क्रोमो प्रोटीन, ग्लाइको प्रोटीन आदि
- व्युत्पन्न प्रोटीन (Derived protein) यह प्रोटीन प्राकृतिक जलीय अपघटन (aqueous decomposition) के द्वारा बनते हैं जैसे प्रोटी अंस, पेप्टोन , आदि
प्रोटीन के स्रोत (Sources of protein)
शाकाहारी ( Sources of Vegetarian proteins)
मांसाहारी (sources of Non Vegetarian protein )
प्रोटीन के कार्य (Functions of protein)
प्रतिदिन कितना प्रोटीन लेना चाहिए (How much protein per day)
यह जानना जरुरी है की कितना प्रोटीन लेना चाहिए, यह आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है, क्योंकि जो लोग अधिक शारीरिक व्यायाम करते हैं, जैसे एथलीट, बॉडीबिल्डर वह अपनी शारीरिक मेहनत के अनुसार प्रोटीन की मात्रा लेते है, लेकिन एक आम व्यक्ति को अपने वजन के लगभग बराबर प्रोटीन प्रतिदिन लेना ही चाहिए, अगर कोई लड़का 60 किलो का है तो उसको 60 से 70 ग्राम प्रोटीन ले सकता है उसी प्रकार लड़कियां भी, किसी लड़की का वजन 50 किलो है तो वह 55 से 60 ग्राम प्रोटीन ले सकती है।
प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग (Protein deficiency diseases)
शारीरिक वर्द्धि के लिए आपके आहार में प्रोटीन्स का होना बहुत ही आवश्यक है लेकिन कई बार प्रोटीन कि कमी के कारण बच्चों में विकास रुक जाता है।
बच्चों में प्रोटीन की कमी के कारण क्वाशियोर्कर( Kwashiorkor) एवं मर्मर नामक रोग हो जाते हैं, इन रोगों में बच्चों का हाथ और पैर दुबला हो जाता है और पेट बाहर आ जाता है बच्चों की मासपेशियां ढीली हो जाती है।
प्रोटीन की कमी के कारण जोड़ों में दर्द, मासपेशियों में अकड़न की समस्या रहती है जिससे अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है, अधिकतर प्रोटीन की कमी के कारण लोगों में बाल झड़ने की समस्या रहती है।
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