योग क्या है (what is yoga in Hindi)
योग शब्द संज्ञा रूप में है, जिसका अर्थ है मेल या मिलन, योग का अर्थ है किसी जीवात्मा का परमात्मा से मिलन है, योग से मन को नियंत्रित किया जा सकता है, सभी कार्यों को सफलतापूर्वक योग करने की शक्ति देता है, योग आत्मा का स्वागत करने की प्रक्रिया है योग से असीम आनंद की प्राप्ति होती है |योग मनुष्य के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक पहलुओं को प्राप्त करने का एक साधन है|
आधुनिक युग मानसिक तनाव व चिंताओं का युग है। लोगों के पास अकुल संपत्ति है, फिर भी व्यक्ति मानसिक रूप से विकलांग है और चिंताओं से घिरा हुआ है, लोगों को अच्छी नींद के लिए दवाइयों का सहारा लेना पड़ रहा है। यह सच है कि आज के युग में कोई व्यक्ति अमीर हो या गरीब खुश नहीं है।
एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति भाग दौड़ भरी जिंदगी से थक जाता है, जिससे वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित हो जाता है। इस वजह से लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे समय में योग हमारे लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, हम योग का अभ्यास करके ऐसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं
योग का महत्व ( Importance of yoga in Hindi )
शारीरिक फिटनेस
योग के द्वारा व्यक्ति की शारीरिक व मानसिक सफाई हो जाती जाती है, मूलरूप से हमारे शरीर में तीन गुण पाए जाते हैं – वाट पित्त कफ | यदि तीनो का संतुलन ठीक रहता है, तो व्यक्ति का शरीर बिमारियों से रहित तथा स्वच्छ रहता है, कुछ ऐसी यौगिक क्रियाएँ हैं जिन्हे करने से शरीर की आंतरिक सफाई व स्वछता है जैसे –नेति ,धोती ,नौलि, दस्ती, कपालभाति, और त्राटक आदि|
बीमारियों से बचाव और इलाज
आज के आधुनिक समय में अनेक प्रकार के रोगों ने जन्म ले लिया है जिससे व्यक्ति को आसान क्रिया कलापों को करने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है, योग अनेक रोगों के बचाओ के साथ-साथ उनका इलाज करने में भी सछम है, नियमित व्यायाम करने से व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक छमता मजबूत होती है और मधुमेह, ब्रांकाइटिस, सिनुसाटिस, अस्थमा, गठिया, गैस्ट्रेटिस, मूत्र विकार, ह्रदय रोग, साइटिका, तनाव, पीठ दर्द, मासिक धर्म विकार, उच्च रक्त चाप, कोढ़ व हिस्टीरिया,आदि होने वाली बिमारियों से दूर रहते हैं |
मानसिक तनाव कम करें
अगर किसी व्यक्ति को किसी बभी प्रकार का तनाव है तो उसको योग से जरूर जुड़ना चाहिए, तनाव को कम करने का योग एक प्रभाव पूर्ण जरिया हो सकता है, यह एक सर्वमान्य आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति का तनाव व दबाओ में रहता है, उन्हें कहीं पर भी शांति नहीं मिलती| प्रत्याहार व ध्यान मानसिक शांति में अहम् भूमिका निभाते हैं, व्यायाम हैं जिनको करके किसी भी प्रकार के दबाओ से छुटकारा पाया जा सकता है जैसे-मकरासन, स्वशासन, सलभासन,सुप्तासन, भुजंगासन आदि |
शरीर को सुंदर बनाता है
सुंदर शरीर हर व्यक्ति चाहता है क्योंकि, एक सुन्दर शरीर वाला व्यक्ति समाज में आकर्षण का केंद्र बन जाता है, आज के बढ़ते मोटापे की वजह से लोग परेशान रहते हैं, मोटापे को कम करने के लिए अपने पैसे को खर्च कर देते हैं,शरीर की त्वचा जवान रखने के लिए लोग तरह-तरह की केमिकल युाक्त क्रीमों का इस्तेमाल करते हैं, इनसब से छुटकारा पाने के लिए अगर यौगिक क्रियाओं से नियमित रूप से जुड़ा जाये तो चेहरा लालिमा युक्त, व वजन को कण्ट्रोल में रखकर आप एक बेहतर शरीर के मालिक बन सकतें हैं| चेहरे को सुन्दर बनाने के लिए मयूरा आसान किया जा सकता है|
आराम प्रदान करता है
लगातार काम करने से हम थकावट महसूस करने लगते है,ऐसे में हम और कार्य नहीं कर सकते इसलिए हमें फिर से तरोताजा होने व स्फूर्ति लेन के लिए आराम की आवश्यकता होती है, सवासन व मकरासन शिथिलता प्राप्त करने के लिए अच्छे आसान होते हैं
लचीलापन बढ़ाता है
लचीला पन प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरुरी है, व्यक्ति को किसी भी प्रकार का काम करने के लिए लचीलेपन की आवश्यकता पड़ती है अगर किसी व्यक्ति में लचीलेपन की कमी है तो उसको अनेक प्रकार की इंजुरी व चोटों का सामना करना पड़ सकता है flexbility लचक बढ़ाने के लिए चक्रासन, धनुरासन, हलासन, भुजंगासन, आदि यौगिक आसान किये जा सकते हैं |
शरीर की मुद्रा बनाए रखता है
आजकल व्यक्तियों व खासकर युवा पीढ़ी में आसान सम्भान्धि दोष देखे जा सकते हैं अच्छे आसान के बिना कोई काम धन से सकता है तथा वे जीवन का आनंद भी नहीं उठा सकते, ऐसे लोग साधारण कार्य को करने में अधिक ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं अदि नियमित रूप से योगासन किया जाये तो शरीर के आसान ठीक रख सकते हैं शरीर की मुद्रा व ख़राब पोस्चर को सही करने के लिए वज्रासन, सर्वांग आसान, मयूरासन, चक्रासन, भुजंगासन, धनुरासन,आदि आसान किये जा सकते हैं |
आध्यात्मिक विकास में मदद करता है
जैसा की की बताया गया है की योग आत्मा से परमात्मा का मिलान है, योग के द्वारा भगवन की प्राप्ति के प्रयास किये जा सकते हैं | नियमित रूप से योगिक क्रियाओं को करने से मस्तिष्क पर अच्छा नियंत्रण किया जा सकता है, ध्यान व समाधी की स्थिति में योगी, ईश्वर की समाधि में इतना लीन हो जाता है की वह स्वयं को भी भूल जाता है की वह कौन है? पद्मासन व सिद्धासन आध्यात्मिक विकास के आसान हैं ये आसान ध्यान करने की सक्ति को बढ़ाते हैं प्राणायाम भी आध्यात्मिक सक्ति के लिए लाभदायक होता है|
मोटापा कम करने में सहायक
मोटापा पुरे विश्व की समस्या बनता जा रहा है वैसे ही लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होती जा रही हैं नियमित रूप से यौगिक क्रियाएं करने से मोटापे को कम करने में सहायक होते हैं, प्राणायाम व Maditative Asanas मोटापे को कम करने में सहायक होते हैं |
नैतिक व आचारिक मूल्यों को बढ़ावा देना बढ़ावा देना
आज के आधुनिक युग में नैतिक, अचारों में गिरावट देखने को मिली है अगर कोई व्यक्ति योग से जुड़ता है तो उसके अंदर समाज व लोगों के प्रति सच्ची निष्ठा व ईमानदारी दिखता है जिसे उसका जीवन सफल स्वस्थ व शांतिपूर्ण रहता है |
योग के प्रकार
योग 6 प्रकार के होते हैं राज योग, ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग, हठ योग, कुंडलिनी यानि की लय योग
राज योग
राज योग को सबसे बड़ा योग मन जाता है और यह योग 8 प्रकार का होता जिसकी वजह से इस योग को अष्ठांग योग के नाम से भी जाना जाता है, इस योग से आत्म निरक्षण किया जाता है और मन को आत्मा से जोड़ा जाता है इस योग को करने से दिमाक को सन्ति मिलती है और तनाव दूर हो जाता है, इस योग के 8 प्रकार होते हैं पहला है याम यानि सपत लेना, नियम यानि आत्म अनुशासन, आसान यानि मुद्रा, प्राणायाम यानि स्वाँस पर नियंत्रण, प्रत्याहार यानि इंद्रियों पर नियंत्रण, धारणा यानि एकाग्रता, ध्यान यानि समाधी, समाधी यानि बंधनो से मुक्ति परमात्मा से मिलन |
ज्ञान योग
ज्ञान योग से आत्मा सुद्ध होती है और हम अपनी आत्मा से जुड़ पाते हैं, जो लोग अधिक चिंता करते हैं उनके लिए यह योग लाभदायक साबित होगा इस योग को करने से हमारे दीमक से नकारात्मक चीजें चली जाती हैं और हमारी यादास्त बढ़ती हैं यह योग थोड़ा कठिन होता है ऐसा मन जाता है की इस योग को करने से हमें दिव्य शक्तियों का आभास होने लगता है |
कर्म योग
कर्म योग हमें बिना किसी स्वार्थ के हमें अच्छे मार्ग पर चलना सिखाता है कर्म योग को करने से हम बिना किसी मोह माया के हम अपने कामों में लगे रहते है
भक्ति योग
भक्ति योग का सम्बन्ध भगवन की भक्ति से है भक्ति योग के अनुसार हर किसी व्यक्ति को अपना कोई न कोई भगवन को मानना चाहिए और सच्चे मन से इस्वर की पूजा करनी चाहिए भक्ति योग करने से मन को सन्ति मिलती है
हठ योग
हठ योग को करने से शरीर की नाड़ियों का संतुलन बना रहता है, इनके बिच संतुलन कायम रहता है, हाथ योग से हम अपने मुँह से हठ शब्द निकलते है इस शब्द में ह शब्द दाईं नासिका से जिसे पिंगला नाड़ी कहते हैं और ठ सब्द बाईं नासिका से इड़ा नदी कहते है, को प्राचीन कल में ऋषि मुनियों के द्वारा किया जाता था, इस योग को करने से मन की शांति प्राप्त होती है|
कुण्डलिनी योग
इस योग के द्वारा शरीर के सातों चक्रों को जाग्रत किया जा सकता, यह योग करना थोड़ा कठिन होता है इस योग को करने से पूरी तरह नियत्रण पाया जा सकता है जो लोग इस योग को सही प्रकार से कर लेते हैं वह अपने शरीर पर काबू , नियंत्रण पा लेता हैं इसकी एकाग्रता बढ़ जाती है |